जहां वैज्ञानिकों ने दुनिया के कुछ सबसे बड़े रहस्य सुलझा लिए हैं, लेकिन फिर भी दुनिया में कुछ ऐसी कई जगह है जिनसे वो अभी भी परेशान है या फिर हम कहें कि जिन को वैज्ञानिक असंभव मानते हैं कुछ अजीब फिनोमिना से लेकर असंभव सी दिखने वाली अजीब जगह इन सभी के बारे में मैं आज आपको बताने वाला हूं ।
1. औसंगेट माउंटेन
औसंगेट माउंटेन, जिसे रेनबो माउंटेन के नाम से भी जाना जाता है अगर आप इस पर्वत पर खड़े होकर इसे देखेंगे तो आपको ये बस एक आम सा पर्वत लगेगा लेकिन अगर आप इसे ऊपर से देखेंगे तो आपको दुनिया भर के सारे रंग इस पहाड़ पर दिख जाएंगे । जिसे देखकर आपको भी लगेगा की ये पहाड़ किसी और दुनिया का है इसे देखने दुनिया भर से लाखों लोग हर साल यहां आते हैं, कई दशकों तक इस पर रिसर्च करने के बाद वैज्ञानिकों को पता चला की ये सब केमिस्ट्री का कमाल है। पहाड़ों में आयरन ऑक्साइड और क्लोरीन भरपूर मात्रा में पाया गया। जिसमें आयरन ऑक्साइड से लाल रंग और क्लोराइड से कुछ अलग अलग रंग बनते यहां दिखाई देते हैं। तो अगर आप कभी इस जगह पर जाएं तो आप इसे सिर्फ एक पहाड़ ना माने बल्कि कई लाखों सालों में हुआ प्रकृति का एक करिश्मा माने जो कहीं और देखने को नहीं मिल सकता ।
2. ब्लड फॉल्स
1911 में अंटार्टिका में एक बेहद अजीब चीज वैज्ञानिकों को मिली । एक ऐसा ग्लेशियर जिससे खून जैसा पानी बाहर निकलता है। जिस वजह से इसे ब्लड फॉल्स का नाम दिया गया और वैज्ञानिक आज भी यह नहीं समझ पाए यह है क्या कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि इस ग्लेशियर से निकलने वाले पानी में एक अलग तरह की काई है। जिससे यह पानी लाल होकर निकलता है। लेकिन कोई ठोस सबूत ना होने की वजह से इस आइडिया को एक साइड कर दिया गया। इसके अलावा कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि इस ग्लेशियर के नीचे एक प्राइनी लेक है। मतलब एक खारे पानी की झील है ,और इसी झील में लोहे के अटूट भंडार है, और जब वह पानी लोहे से टकराकर निकलता है तो लोहे पे लगे जंग की वजह से ये लाल हो जाता है । इस आइडिया पर अभी काम चल रहा है। इसके अलावा सोचने वाली बात यहां ये भी है कि इतने बड़े अंटार्टिका में सिर्फ इसी ग्लेशियर पे ऐसा क्यों होता है, कहीं और ऐसा क्यों नहीं हो सकता।
3. एल नेसला रॉक
अब अगली चीज जो मैं आपको दिखाने वाला हूं, उसे देख कर ऐसा लगता है जैसे किसी माहिर कलाकार ने इसे बनाया हो । लेकिन यह सब प्रकृति का कमाल है। इस चट्टान को देखकर ऐसा लगता है जैसे इसे बीच में से किसी लेजर लाइट से काटा गया हो। लेकिन यह बिल्कुल प्राकृतिक है । इतनी बड़ी चट्टान पर कई जगह कलाकारी भी की गई है । लेकिन किसी इंसान के द्वारा ही से काटा जाना लगभग नामुमकिन है । तो यह हुआ कैसे। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस चट्टान की शेप कुछ इस तरह की है जिससे यह ज्यादा से ज्यादा मात्रा में हवा को रोकती है। और हवा के दबाव से यह चट्टान दो हिस्सों में बंट गई । लेकिन यहां सोचने वाली बात ये है कि उस हवा में कितना दबाव होगा जिसने इतनी बड़ी चट्टान को भी काट दिया । लेकिन कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि पुराने जमाने के लोग आज से भी ज्यादा एडवांस थे । और उन्होंने इसे लेजर से बीचो-बीच काटा होगा । लेकिन यह सभी तो मान्यताएं हैं, सच क्या है किसी को नहीं पता।
4. दी नमीबियन सर्किल
ऊपर से देखने पर आपको एक दिखने में छोटे-छोटे गड्ढे लग सकते हैं , लेकिन असल में यह है क्या ? यह तो असल में आज तक दुनिया का कोई भी वैज्ञानिक नहीं बता पाया है । लोकल लोग मानते हैं कि यह भगवान के पैरों के निशान है। लेकिन वह तो सिर्फ एक मान्यता है । इन सर्कल्स की चौड़ाई 10 से 60 फीट तक की है और यह सर्कल्स लगभग 1000 मील जितने बड़े एरिया में फैले हुए हैं लेकिन बात सिर्फ यही अटक जाती है कि सर्किल ही क्यों, कोई और शेप क्यों नहीं ? इस बात का पता कोई भी नहीं लगा पाया है । क्या आप बता सकते हैं कि यह है क्या।
5. नागा फायरबॉल
अब जिसके बारे में मैं आपको बताने वाला हूं, वो इस वीडियो का सबसे विवादास्पद टॉपिक है । साल के अक्टूबर महीने में मेकांग नदी के ऊपर आग जलती हुई दिखाई देती है लेकिन क्यों ? पीने वाले पानी में आग कैसे लग सकती है । यहां रहने वाले लोकल लोग मानते हैं कि यह उनके भगवान नागा की सांसो से निकलने वाली आग है जिसकी वजह से इसका नाम नागा फायर बॉल्स पड़ा। लेकिन वैज्ञानिकों का ये अनुमान है कि इस नदी से जो ज्वालनशील फास्फाइन गैस निकलती है जो निकलते ही आग पकड़ लेती है । लेकिन सवाल अभी भी वही की वही है कि सिर्फ अक्टूबर के महीने में ही ऐसा क्यों होता है। और वैज्ञानिकों को अभी तक फास्फाइन गैस निकलने का कोई सोर्स भी नहीं मिला है । लेकिन मजे वाली बात यह है अब यहां रहने वाले लोग अब इसे एक त्योहार के रूप में मनाने लगे हैं। यहां हर साल हजारों लोग इकट्ठा होते हैं और इसे बड़े चाव से देखते हैं।
6. आर्कटिक होल्स
नासा के अनुसार आर्कटिक बर्फ में कुछ अजीब होल्स दिखने लगे हैं, लेकिन कोई नहीं जानता कि यह है क्या। आर्कटिक वैसे ही अपने आप में एक अजीब जगह है। ऊपर से यह अजीब से होल यानी गड्ढे, वैज्ञानिकों को परेशान कर रहे हैं । इसके लिए वैज्ञानिकों ने तीन कारण दुनिया को बताएं ।
पहला ये, कि हो सकता है ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से बर्फ पिघल रही हो लेकिन यह किसी को सही नहीं लगा तो इसे सिरे से नकार दिया गया ।
दूसरा हो सकता है कि अंतरिक्ष से गिरने वाले पत्थरों की वजह से यह हुआ हो लेकिन इसके कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले।
और तीसरा कारण वैज्ञानिकों ने बताया कि हो सकता है कोई शील ऐसा काम कर दे, क्योंकि उनको सांस लेने के लिए सतह पे आना पड़ता है। लेकिन आर्कटिक होल्स उन होल्स से बहुत बड़े हैं जो शील्स बनाती है । इसलिए ये कारण भी नकार दिया गया । इन गड्ढों को 2018 में ही खोजा गया है । तो इनके पीछे का कारण जानने में थोड़ा और समय जरूर लगेगा।
दोस्तो अब लोग बताइए कि इनमे से आपको सबसे अच्छी जगह कौन सी लगी ?
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